Amrud ka paudha kitne din me fal deta hai , यह कई कारकों पर निर्भर करता है , अमरुद के पौधे में फूल आने
के लगभग 120 दिन यानि 4 से 5 महीनें बाद फल पकने शुरू हो जाते है । जब फलों का रंग हरे से हल्का पीला होनें लगे
तो यह तुड़ाई के लिए तैयार माने जाते है ।
पौधों की उम्र और प्रकार
अमरुद का पौधा किस तरीके से लगाया गया है , यह भी फल देने के समय को प्रभावित करता है । बीजों से उगाया गया
पौधा , अमरुद का पौधा बीज से उगाने में 4 से 8 साल लग सकता है , बीज से उगाये गए पौधों की फलों की गुणवत्ता और
उपज में भिन्नता हो सकती है ।
कलम , कटिंग , या गुटी एयरलेयरिंग से उगाया गया पौधा , व्यावसायिक खेती में कलम या गुटी से तैयार पौधे लगाए जाते है ।
ये पौधे आमतौर पर 2 से 3 साल में फल देना शुरू कर देते है । कुछ अच्छी किस्मों में 1 साल में भी फल आ सकते है ।
amrud ka paudha kitne din me fal deta hai
भारत में अमरुद की फसल साल में कई बार ली जाती है । जिन्हें , बहार कहा जाता है , इन बहारों के अनुसार फल
आनें का समय अलग , अलग होता है । अम्बे बहार , इस बहार के फूल फरवरी से मार्च तक आते है । फल जुलाई से
सितंबर तक , यानी बारिश के मौसम में मिलते है । मृग बहार , इस बहार के फूल जून तक आते है । फल नवंबर से जनवरी
तक , यानी सर्दी के दौरान मिलते है ।
हस्त बहार , इस बहार के फूल अक्टूबर में आते है । फल फरवरी से अप्रैल तक यानी , बसंत ऋतू में मिलते है । किसान अक्सर
एक ही बहार से फसल लेने का प्रयास करतें है । इससे फलों की गुणवत्ता और उत्पादन अच्छा होता है ।
जल्दी फल प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण बातें और देखभाल
यह किस्म का चुनाव , जल्दी फल देने वाली और आपके क्षेत्र की जलवायु के अनकूल किस्में चुनें , उदाहरण के लिए , वीएन , आर बिही
जैसी कुछ किस्में 2 साल में फल देने लगती है । कलम या गुटी से तैयार पौधे लगाएं । ये पौधे बीज से उगाये गए पौधों की तुलना में बहुत
जल्दी फल देते है । पर्याप्त धूप , अमरुद के पौधे को कम से कम 6 से 8 घंटे सीधी धूप मिलनी चाहिए । धूप की कमी से फूलों और फलों
की संख्या कम हो सकती है ।
मिट्टी और खाद
अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है । पौधा लगाते समय , जैविक खाद , जैसे गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट डालें ।
रासायनिक खाद का उपयोग सावधानी से करें । हर 15 दिन में मिट्टी की गुड़ाई करें । इससे पौधा अच्छी तरह बढ़ता है , मिट्टी में नमी
बनाए रखे , लेकिन बहुत पानी न दें । मिट्टी की ऊपरी 2 इंच परत सूखनें पर पानी दें ।
कटाई , छटाई , पौधे को सही आकार देने के लिए नियमित , प्रूनिंग करें । फलों की संख्या बढ़ाने के लिए फरवरी में हल्की प्रूनिंग करें
पुरानी शाखाओं को हटाने से नई शाखाएं निकलती है ।
कीट, और रोग नियंत्रण , अमरुद के पौधे को कीटों और रोगों से बचाना बहुत जरुरी है । नीम खली और बोन मील जैसे जैविक उत्पादों
का उपयोग करें । ग्रो बैग , गमले का आकार , बड़े आकार का ग्रो बैग चुनें अगर आप गमलें में अमरुद लगा रहे है । इससे जड़ों को फैलने
के लिए पर्याप्त जगह मिलती है । amrud ka paudha kitne , din me fal deta hai .