bharat me kaju ki kheti, प्रायद्वीपीय क्षेत्रों मे होती है , यह खासकर तटीय राज्यों में होती है , जहाँ जलवायु और मिट्टी ,
काजू के लिए सही है ।
काजू उत्पादन के प्रमुख राज्य
महाराष्ट्र , यह भारत मे काजू का सबसे बड़ा उत्पादन राज्य है । यहां की जलवायु और मिट्टी काजू की खेती के लिए बहुत ,
उपयुक्त है ।
आंध्रप्रदेश , यह दूसरा सबसे बड़ा काजू का उत्पादन राज्य है , यहां काजू का लगभग 14. 3% उत्पादन होता है ।
ओडिशा , तीसरे स्थान पर है , जिसका उत्पादन लगभग 12. 0% उत्पादन करता है ।
कर्नाटक , चौथे स्थान पर है , जो लगभग 10. 9% उत्पादन करता है ।
केरल , काजू की खेती के लिए केरल भी एक महत्वपूर्ण राज्य है ?
तमिलनाडु , यहां भी काजू की अच्छी खासी खेती होती है ।
गोवा , यह भी काजू उत्पादक राज्यों में शामिल है ,
पश्चिम बंगाल , इस राज्य में भी काजू की खेती ठीक ठाक स्तर पर की जाती है ।
bharat me kaju kheti के अन्य राज्य
झारखंड , राज्य के पूर्वी एवं पश्चिमी सिंह भूमि , सरायकेला , खरसावां जैसे जिले काजू की खेती के लिए बहुत उपयुक्त है ।
उत्तर प्रदेश , उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में भी अब काजू की खेत शुरू हो गई है ?
पूर्वोत्तर क्षेत्र , इस क्षेत्र के कुछ हिस्सों में भी काजू उगाया जाता है ।
उत्तराखंड , उत्तराखंड में भी काजू की खेती की संभावना तलाशी जा रही है ।
काजू की खेती के लिए आवश्यक जलवायु और मिट्टी
जलवायु , काजू एक उष्णकटिबंधीय फसल है , गर्म और आर्द्र जलवायु में अच्छी तरह बढ़ती है , तापमान , 20 से 35 डिग्री
सेल्सियस के बीच तापमान सबसे अच्छा है । फूल आने और फल पकने के लिए शुष्क मौसम बेहतर है ।
वर्षा , 600 से 4500 मिमी वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्र उपयुक्त है । सूर्य का प्रकाश , काजू सूर्य के प्रति बहुत प्रेमी है ,
अत्यधिक छाया सहन नहीं कर सकता है । ऊंचाई , 700 मीटर से कम ऊंचाई वाली जगह पर इसकी खेती की जाती है ।
मिट्टी
काजू को कई प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है । लेकिन कुछ मिट्टी इसके लिए विशेष रूप से अच्छी होती है ।
लाल और लेटराइट मिट्टी , समुद्री तटीय प्रभाव वाले लाल और लेटराइट मिट्टी वाले भू भाग इसकी खेती के लिए सबसे
उपयुक्त होते है । रेतीली दोमट मिट्टी अच्छी जल निकासी वाली लाल बुलई दोमट भूमि इसके लिए आदर्श है ।
बंजर भूमि , कम उर्वरता वाली बंजर भूमि में भी इसे उगाया जा सकता है । भारी चिकनी मिट्टी , ख़राब जल निकासी और
अत्यधिक क्षारीयता लवणता वाली मिट्टी उपयुक्त नहीं है । काजू की खेती का इतिहास , काजू दक्षिण अमेरिका , बाजील का
पौधा है पुर्तगाली व्यापारी ने 16 वी शताब्दी में इसे ब्राजील से लाया , इसके बाद वे इसे पश्चिमी अमेरिका और फिर भारत ,
ले आए , शुरुआत में लोग इसे खाने से बचते थे , लेकिन बाद में इसकी मूल्य को पहचाना गया द्वितीय विश्व ?
युद्ध के बाद , काजू का व्यापार बहुत बढ़ गया , भारत भी इसे एक बड़ा भागीदार बन गया , यहाँ काजू की
खेती और प्रसंस्करण से लाखों लोग जुड़े है , यह देश के कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।