Dhan ki fasal me n. 1 naitrojan ka upyog करके अपने मन के मुताबिक फुटाव ले सकते बढ़वार ले सकते है । अगर धान की खेती कर रहे है , dhan ki fasal की रोपाई करने के लगभग 12 से 15 दिन के बाद कुछ पौधों में फुटाव हो रहे है कुछ में नहीं हो रहे है । और पीला पन आ रहा है । पौधे में जादा से जादा बढ़वार भी हो और फुटाव भी हो बढ़वार के साथ साथ फुटाव भी होना चाहिए ऐसा नहीं के धान का पौधा सीधा सीधा लंबा चला जाए ? अगर फुटाव कम होगा
तो बालिया भी कम होगी अगर कल्ले कम है , तो बालिया जादा कैसे होगी , इसके लिए सबसे जादा किस चीज कि आवश्यकता होती है , सबसे पहले तो पानी चाहिए जहाँ पर पानी जादा होता है , वहां धान भी जादा होती है , पानी के बाद में दूसरा सबसे जरुरी होता है , धान की फसल में नाइट्रोजन , नाइट्रोजन के लिए सबसे सस्ता सोर्स मिलने वाला यूरिया फर्टिलाइजर , यूरिया के साथ साथ अन्य चीज भी डालना है ।
dhan ki fasal men kallon ki sankhya badhaye
किसान लोग क्या करते है , कि रोपाई के 15 दिन के बाद यूरिया डालते है , या जादा से जादा पोटाश मिला देते है , लेकिन नाइट्रोजन और पोटाश बाकी अन्य पोषक तत्व कहाँ से मिलेगा और नहीं मिलेगा तो धान में फुटाव कैसे होगा तो धान में फुटाव कैसे होगा तो सबसे पहले नाइट्रोजन के लिए यूरिया फर्टिलाइजर लेना है , नाइट्रोजन से जादा क्लोरोफिल बनेगा धान पीला नहीं पड़ेगा और बढ़वार फटा फट बढ़ेगा , नाइट्रोजन की पूर्ती के लिए आपको यूरिया लेना है । एक एकड़ के लिए 35 से 40 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से लेना है ,यूरिया फर्टिलाइजर , यूरिया से जादा आवश्यकता होती है । सबसे जादा आवश्यकता होती है , फुटाव के लिए कल्ले जादा से जादा निकले , कुछ कुछ पौधों में देख रहे है , पीला पन आ रहा है , तो किस चीज की कमी है , सबसे जादा कमी होती है , धान की फसल में जिंक की कमी , धान में सबसे जादा जिंक की कमी देखने को मिलती है , क्योकि किसान लोग डीएपी डालते है या फास्फोरस जादा डालते है । वहां पर जिंक की जादा कमी देखने को मिलती है , इसलिए जिंक को यूरिया के साथ डालना चाहिए ।
क्योंकि फास्फोरस के साथ डाल नहीं सकते जिंक नहीं तो फास्फोरस मिलेगा और नहीं जिंक मिलेगा इसलिए इस समय जब आपकी dhan ki fasal लगभग 20 दिन की हो जाए उस समय आपको यूरिया के साथ में जिंक डालना है । और जिंक के लिए सबसे बेस्ट फर्टिलाइजर है , मिट्टी का PH कम है नार्मल है चिकनी मिट्टी है , जिंक सल्फेट सबसे बेस्ट फर्टिलाइजर है , और सबसे आसानी से मिल जाता है , जिंक सल्फेट में 33% वाला भी जिंक आता है , और 21% वाला भी जिंक आता है 33% वाला जिंक सल्फेट 33% वाला जिंक आएगा और 15% सल्फर आएगा और 21% वाले जिंक में सल्फेट 21% जिंक आएगा और सल्फर आएगा , तो आपको क्या करना है , अगर आपको 21% सल्फेट मिल रहा है , तो 10 किलो ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से जिंक सल्फेट आपको डालना है , वही 33% वाला मिल रहा है , तो अगर dhan ki fasal में पीला पन है तो 5 से 7 किलोग्राम आपको डालना है , प्रति एकड़ के हिसाब से पीला पन नहीं है धान स्वस्थ है ग्रीन है । बढ़वार पकड़ चुकी है , और फुटाव भी थोड़ा थोड़ा हो ने लग गया है , तो 5 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से 33% वाला जिंक डाल सकते है । dhan ki fasal men n. 1 naitrojan ka upyog karke kallon ki sankhya badha sakte hai
dhan ki fasal में मैगनीशियम की कमी रह गई है तो , चाइए जिंक डालिए पोटाश डालिए या यूरिया डालिए धान में फुटाव नहीं होगा और बिलकुल धान की फसल कमजोर रहेगी बढ़वार नहीं पकड़ पाएगी और फुटाव भी प्रॉपर तरीके से नहीं होगा , और मैगनीशियम में फोकस करना है , क्लोरोफिल प्रोपर बनेगा जादा बनेगा फसल प्रोपर तरीके से भोजन बना पायेगी हरा पन अच्छा से रहेगा , इसलिए मैगनीशियम सल्फेट डालना ही डालना है , धान की फसल जब 20 दिन की हो जाए , इन्ही हिसाब से मैगनीशियम सल्फेट 5 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से डालना है । इसके बाद धान की फसल को थोड़ी से बढबार पकड़ेगी एक बहुत बड़ी समस्या आती है , धान में पत्ता लपेट कीड़ा आता है , अगर पोटाश की कमी जादा होगी तो रोग जादा आएंगे अगर जिंक की कमी होगी तो रस चूसने वाले कीट जादा होंगे , किसी भी फसल में पत्ता चबाने वाले कीट का अटैक जादा होता है , धान की फसल जब 20 से 22 दिन की हो जाए तो यूरिया , जिंक सल्फेट मैगनीशियम सल्फेट हो अच्छी क्वालिटी वाला लेना है , और इन सभी के साथ मिला लेना है ।