tamatar ki kheti भारत में सबसे ज्यादा लगाई जाने वाली में से एक है , लगभग सभी राज्यों के किसान टमाटर की खेती करते है । लेकिन टमाटर की खेती किसान भाइयों के लिए कितने फायदे का स्त्रोत है , टमाटर का बीजा रोपण नर्सरी तीनों सीजन में लगाई जाती है , सर्दी के मौसम में 15 दिसंबर से 15 जनवरी तक लगा सकते है , गर्मी मौसम में मार्च अप्रैल के महीने लगा सकते है , और बरसात के मौसम में 15 जुलाई से 15 अगस्त तक लगा सकते है , इसके आलावा सितंबर , फरवरी के बीच में भी टमाटर की नर्सरी लगाई जाता सकती है ।
tamatar ki kheti ki tayari
1 एकड़ में टमाटर की खेती में कितनी लागत आती है , और लागत निकालने से पहले टमाटर की नर्सरी किस तरह तैयार करते है , टमाटर की नर्सरी दो तरह से तैयार कर सकते है , छिडकन विधी या क्यारियों के माध्यम से तैयार कर सकते है । सबसे पहले खेत में क्यारियाँ बनाले क्यारियों की लंबाई 10 फिट , चौड़ाई 5 फिट की होनी चाहिए , क्यारियों की सतह बिलकुल बराबर होनी चाहिए , क्यारियाँ समतल होने के बाद सड़ी हुई गोवर की खाद मिट्टी में अच्छे से मिला दें । क्यारियाँ पूरी तरह से तैयार होने के बाद टमाटर की बीजों की बुवाई चिड़कन विधी के माध्यम से कर सकते है । टमाटर की बीज की बुवाई करने के बाद मिट्टी की परत से अच्छे से ढक दें ,
अगर आप बीजों को मिट्टी की गहराई पर बोते है , तो बीजों का जमाव अच्छे से नहीं होगा । इसलिए ज्यादा गहराई पर न बोएं , 1 एकड़ में टमाटर की खेती में बीजों की लागत 40 से 50 ग्राम होनी चाहिए 10 ग्राम बीज का पैकेट 570 रुपये का होता है । एक एकड़ में टमाटर के बीजों का खर्चा 2850 रुपये का खर्चा आएगा खेत का खर्चा 4 से 5 हजार आएगा , जैविक खाद का खर्चा 4000 हजार के लगभग , टमाटर बंधाई का खर्चा 25 से 27 हजार रुपये फंगीसाइड दवा का खर्चा आएगा 1500 से 2000 हजार के करीब आएगा । टमाटर में लगने वाले रोग और कीटों से बचाने के लिए , नेचुरल पेस्टीसाइड का छिड़काव करें जिसका खर्चा आएगा लगभग 4000 हजार के आसपास । Water – soluble fertilizers का खर्चा आएगा 6 हजार रुपये ,plant growth tonic का खर्चा आएगा 1200 सौ रुपये ।
ek ekad men tamatar ki upaj
टमाटर की खेती में अच्छी उपज लेने के लिए सबसे जरुरी चीजों का ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है । हमें टमाटर की कतारों की दूरी लाइन से लाइन 4 से 5 फिट रखना है । और एक पौधे से दूसरे पौधे की दूरी 1.5 से 2 फिट रखना है । लाइन से लाइन की दूरी कम रखते है । जो की सही नहीं है । पौधों की दूरी कम रखने से पौधें की निचली सतह में सूर्य का प्रकाश नहीं मिलता। और टमाटर की फसल में उत्पादन कम होता है , और लंबे समय तक नहीं ले पाते । टमाटर के पौधे लगाने के 45 दिन के बाद से उत्पादन मिलने लगता है । टमाटर की फसल में कब और कैसे पानी देना बहुत जरुरी होता है । गर्मी के मौसम में पानी की मात्रा ज्यादा जरुरी होता है । और ठंड के दिनों में पानी की जरुरत थोड़ा कम होती है । बरसात के दिनों में पानी की जरुरत बहुत ही कम होती है , ऐ भी जानना जरुरी होता है । की कौन सी मिट्टी में पानी की जरुरत कम या ज्यादा होती है । रेतीली मिट्टी में जल धारण क्षमता बहुत कम होती है । जिसके कारण पानी सूख जाता है , और पानी की जरुरत बहुत ज्यादा होती है । क्योकि पानी सही तरीके से नहीं मिलेगा तो पौधे सूखने लगते है । और पौधों का विकास नहीं हो पाता है ।
चिकनी मिट्टी में जल धारण क्षमता ज्यादा होती है । और पानी कम से कम देना होता है । टमाटर के पौधों को हर 3 से 4 दिन में पानी देना जरुरी होता है । अगर सही किस्म के बीज का चुनाव किया जाता है । तो बीज में कीट और रोग मुक्त होता है । टमाटर की फसल अच्छी स्वस्थ रहती है । तो टमाटर की फसल से 3 से 4 महीने तक उत्पादन ले सकते है । एक एकड़ में टमाटर की फसल से 250 से 300 क्विंटल तक tamatar का उत्पादन कर सकते है ।
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